बांग्लादेश ने भारत से शेख हसीना का प्रत्यर्पण करने की मांग की


 

बांग्लादेश ने भारत से शेख हसीना का प्रत्यर्पण करने की मांग की

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, जो मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में है, ने भारत सरकार को एक पत्र भेजकर बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का प्रत्यर्पण करने की मांग की है। यह कदम बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ चल रहे कई आपराधिक मामलों और अदालतों के आदेशों के बाद उठाया गया है। शेख हसीना अगस्त 2024 में बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद भारत आ गई थीं, और तब से वह भारत में निर्वासन में रह रही हैं।


मुख्य घटनाएँ और बांग्लादेश की मांग:

  1. प्रत्यर्पण की मांग
    बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से अपील की है कि वह शेख हसीना को ढाका वापस भेजे ताकि वह बांग्लादेश में चल रही न्यायिक प्रक्रिया का सामना कर सकें। बांग्लादेश के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने पुष्टि की है कि इस संदर्भ में भारत को एक राजनयिक संदेश भेजा गया है। इस संदेश में शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की गई है, ताकि वह न्यायिक कार्यवाही का हिस्सा बन सकें।

  2. प्रत्यर्पण संधि का उल्लेख
    बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के सलाहकार जहांगीर आलम ने भी कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच एक प्रत्यर्पण संधि पहले से मौजूद है। इस संधि के तहत, शेख हसीना को बांग्लादेश वापस लाया जा सकता है। जहांगीर आलम के अनुसार, प्रत्यर्पण प्रक्रिया जारी है और बांग्लादेश सरकार इस मामले में भारत के साथ मिलकर काम कर रही है।

  3. शेख हसीना का भारत में निर्वासन
    शेख हसीना 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश से भारत भाग आईं थीं, जब देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और हिंसा का सामना करना पड़ा। शेख हसीना और उनके मंत्रियों पर आरोप हैं कि उन्होंने मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार को बढ़ावा दिया। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।

  4. गिरफ्तारी वारंट और आरोप
    शेख हसीना पर बांग्लादेश में छात्रों के विरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक असंतोष को दबाने के लिए हिंसा का सहारा लेने का आरोप है। इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने शेख हसीना और उनके मंत्रियों, सलाहकारों, और उच्च अधिकारियों के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। उनके खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के आरोप लगाए गए हैं।


राजनीतिक और कूटनीतिक प्रभाव

बांग्लादेश द्वारा भारत से शेख हसीना का प्रत्यर्पण मांगने का यह कदम दो देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को प्रभावित कर सकता है। भारत और बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक और मजबूत संबंध हैं, लेकिन इस तरह के एक संवेदनशील मामले में भारत का रुख महत्वपूर्ण होगा। यदि भारत शेख हसीना का प्रत्यर्पण करने का निर्णय नहीं लेता है, तो यह दोनों देशों के रिश्तों में तनाव का कारण बन सकता है।

इसके अलावा, यदि शेख हसीना का प्रत्यर्पण किया जाता है, तो यह बांग्लादेश की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत हो सकता है। इससे बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता को और बढ़ावा मिल सकता है, और अंतरिम सरकार की स्थिति को भी चुनौती मिल सकती है।


निष्कर्ष

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा शेख हसीना का प्रत्यर्पण करने की मांग एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक घटनाक्रम है। इस मामले का समाधान केवल कानूनी नहीं, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक संवेदनशील होगा। भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि होने के बावजूद, इस मामले में कूटनीतिक, राजनीतिक और कानूनी पहलुओं का सही तरीके से समाधान ढूंढना महत्वपूर्ण होगा। आने वाले समय में यह देखा जाएगा कि भारत इस पर कैसे प्रतिक्रिया करता है और इस मुद्दे पर दोनों देशों के रिश्तों पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।

Comments

Popular posts from this blog

प्रतियोगिता परीक्षा में पूछे गए अभी तक सामान्य प्रश्न

प्रतियोगिता परीक्षा में पूछे गए अभी तक के सामान्य प्रश्न

Current Affairs