सांता क्लॉस कौन थे?
सांता क्लॉस कौन थे?
सांता क्लॉस का इतिहास बहुत पुराना है और यह कई संस्कृतियों और परंपराओं से जुड़ा हुआ है। सांता क्लॉस का आधुनिक रूप सेंट निकोलस, सिंटरक्लास, और फादर क्रिसमस का मिश्रण है, जो अलग-अलग देशों में विभिन्न नामों से प्रसिद्ध थे।
1. सेंट निकोलस:
- सेंट निकोलस चौथी शताब्दी के एक ईसाई बिशप थे, जो टर्की के मायरा (आज के डेम्रे) में रहते थे। उनकी दयालुता, उदारता, और बच्चों के प्रति प्रेम के कारण वे बहुत प्रसिद्ध हुए।
- सेंट निकोलस को कई कहानियों में दिखाया गया है कि वे गरीबों की मदद करते थे, खासकर बच्चों को उपहार देने के लिए। एक प्रसिद्ध कहानी के अनुसार, उन्होंने एक परिवार की तीन बेटियों को उनकी डॉरी देने में मदद की ताकि वे गरीब होने के कारण शादी के योग्य बन सकें।
2. सिंटरक्लास:
- सिंटरक्लास एक डच परंपरा से आया है, जो सेंट निकोलस की विरासत का पालन करता था। यह परंपरा डच प्रवासियों के साथ अमेरिका के न्यू यॉर्क (जो पहले न्यू एम्सटर्डम था) में आई थी।
- सिंटरक्लास को पारंपरिक रूप से लाल रंग की चादर, लंबी सफेद दाढ़ी और एक चश्मा के साथ दिखाया जाता था। उनके साथ एक सहायक, झ्वार्ते पीट (Zwarte Piet), भी होता था।
3. फादर क्रिसमस (ब्रिटेन):
- फादर क्रिसमस ब्रिटिश परंपरा का एक प्रतीक था, जो क्रिसमस के जश्न से जुड़ा हुआ था। वह सामान्यत: एक खुशमिजाज, हंसी-मजाक करने वाला और आनंदित व्यक्ति था, जो परिवार और दोस्तों के साथ क्रिसमस मनाने की बात करता था।
- फादर क्रिसमस का चित्रण आधुनिक सांता क्लॉस से बहुत मेल खाता था, हालांकि पहले यह सर्दियों के संक्रांति और पैगन परंपराओं से भी जुड़ा हुआ था।
सांता क्लॉस का आधुनिक रूप:
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आधुनिक सांता क्लॉस का चित्रण 19वीं सदी में विकसित हुआ, जब क्लेमेंट क्लार्क मूर ने अपनी प्रसिद्ध कविता "A Visit from St. Nicholas" (जिसे हम "Twas the Night Before Christmas" के नाम से जानते हैं) लिखी। इस कविता में सांता को एक खुशमिजाज और जolly चरित्र के रूप में दिखाया गया था, जो रेनडियर के साथ चिमनी से उपहार देने आता था।
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थॉमस नास्ट, एक कार्टूनिस्ट, ने भी सांता क्लॉस को अपनी चित्रकला में लोकप्रिय बनाया, जिसमें उन्होंने सांता को लाल रंग का सूट, सफेद दाढ़ी, और चश्मा के साथ दिखाया।
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कोका-कोला ने 1930 के दशक में अपनी विज्ञापन अभियान में सांता क्लॉस का उपयोग किया, जिससे उनका आधुनिक चित्र और भी लोकप्रिय हो गया।
क्रिसमस क्यों मनाते हैं?
क्रिसमस एक ईसाई धर्म का त्योहार है, जो यीशु मसीह के जन्म की याद में मनाया जाता है। यह त्योहार 25 दिसंबर को मनाया जाता है, लेकिन इसके इतिहास और उत्पत्ति में कुछ दिलचस्प बातें हैं:
1. धार्मिक महत्व:
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ईसाई धर्म में, क्रिसमस का मतलब है यीशु मसीह का जन्म। यीशु को ईसाई लोग ईश्वर का पुत्र मानते हैं, और उनका जन्म एक दिव्य घटना था। ईसाई विश्वास करते हैं कि यीशु ने दुनिया को प्रेम और शांति का संदेश दिया और उनका आना मानवता के लिए एक उद्धारकर्ता के रूप में था।
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बाइबल के न्यू टेस्टामेंट में यीशु मसीह का जन्म एक मँजेर में हुआ था, जब उनकी मां मैरी और पिता जोसेफ बेथलहम में थे।
2. पैगन परंपराओं का प्रभाव:
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क्रिसमस का उत्सव 25 दिसंबर को इस कारण मनाया जाता है क्योंकि यह विंटर सोलस्टाइस के आस-पास आता है, जब दिन सबसे छोटे और रातें सबसे लंबी होती हैं। प्राचीन सभ्यताएँ, जैसे रोमनों, पर्सियनों, और नॉर्स संस्कृतियों ने भी विंटर सोलस्टाइस का उत्सव मनाया था, और वे प्रकाश, पुनः जन्म, और नवीनीकरण के प्रतीकों का उपयोग करते थे।
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ईसाई धर्म ने जब क्रिसमस को अपनाया, तो इस दिन को यीशु के जन्म के रूप में मनाना शुरू किया, लेकिन कई पारंपरिक तत्व, जैसे क्रिसमस ट्री (प्राचीन पेड़ पूजा), यूल लॉग (नॉर्स परंपरा), और भोजन पैगन परंपराओं से आए थे।
3. क्रिसमस को सामाजिक और पारिवारिक उत्सव के रूप में मनाना:
- आज के समय में, क्रिसमस एक वैश्विक उत्सव बन चुका है, जो न केवल धार्मिक है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से भी मनाया जाता है।
- उपहार देना, परिवारिक मिलन, क्रिसमस भोजन, और सजावट इस दिन की विशेषता है। ये सभी परंपराएँ पश्चिमी देशों से शुरू हुई थीं, लेकिन अब ये परंपराएँ पूरी दुनिया में मनाई जाती हैं।
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