महाराष्ट्र: परभणी हिंसा के बाद युवक की हिरासत में मौत, राहुल गांधी ने परिजनों से की मुलाकात; सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
महाराष्ट्र: परभणी हिंसा के बाद युवक की हिरासत में मौत, राहुल गांधी ने परिजनों से की मुलाकात; सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
परभणी (महाराष्ट्र): महाराष्ट्र के परभणी शहर में हाल ही में हुई हिंसा के बाद पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत हो गई। इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज परभणी पहुंचे और मृतक युवक सोमनाथ सूर्यवंशी के परिवार से मुलाकात की। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने महाराष्ट्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए, और इसे पुलिस द्वारा की गई हत्या बताया। उन्होंने मांग की कि इस मामले में दोषी अधिकारियों को कड़ी सजा दी जाए।
हिरासत में मृतक युवक: सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत
परभणी में 10 दिसंबर को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के पास संविधान की एक प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त करने के बाद हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में सोमनाथ सूर्यवंशी सहित 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था। सोमनाथ सूर्यवंशी शंकर नगर के निवासी थे और गिरफ्तारी के बाद उन्हें परभणी जिला केंद्रीय कारागार में रखा गया था।
पुलिस के अनुसार, सूर्यवंशी को 15 दिसंबर को सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत होने पर सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। हालांकि, उनके परिजनों और राहुल गांधी ने इस मौत को हिरासत में हुई हत्या करार दिया है।
राहुल गांधी का आरोप: 'यह हत्या है, न कि हिरासत में मौत'
राहुल गांधी ने मृतक के परिवार से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "यह हिरासत में मौत नहीं, बल्कि हत्या है। इन लोगों को पीटा गया और उनकी हत्या की गई है। सोमनाथ सूर्यवंशी को सिर्फ इसलिए मारा गया क्योंकि वह दलित थे और संविधान की रक्षा कर रहे थे।" राहुल गांधी ने यह भी कहा कि यह एक राजनीतिक मामला नहीं है, बल्कि यह न्याय का मामला है और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।
राहुल गांधी ने कहा, "हम चाहते हैं कि इस मामले को पूरी तरह से हल किया जाए और जिन लोगों ने यह किया है, उन्हें सजा दी जाए। मैं संतुष्ट नहीं हूं और मैं स्पष्ट रूप से कह रहा हूं कि यह हत्या है, न कि दुर्घटना।"
मुख्यमंत्री और भाजपा का रुख
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने परभणी हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं, और राज्य विधानसभा में यह भी कहा था कि सूर्यवंशी ने मजिस्ट्रेट के सामने यह दावा किया था कि उन्हें प्रताड़ित नहीं किया गया था। साथ ही, सीसीटीवी फुटेज में भी कोई क्रूरता का सबूत नहीं मिला है।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने राहुल गांधी के दौरे को "नाटक" करार दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को राजनीति करने का कोई हक नहीं है और यह सब केवल एक चुनावी दांव है।
परिवार और समाज का गुस्सा
सोमनाथ सूर्यवंशी के परिवार और स्थानीय लोगों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। उनका कहना है कि उनके बेटे की हत्या के दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए और उन्हें न्याय मिलना चाहिए। स्थानीय संगठन और दलित समुदाय भी इस मामले में गहरी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं और उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
निष्कर्ष
राहुल गांधी का परभणी दौरा और उनके द्वारा महाराष्ट्र सरकार पर लगाए गए आरोप राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो सकते हैं, खासकर 2024 के विधानसभा चुनावों के दृष्टिकोण से। इस घटना ने राज्य सरकार की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं और सरकार के खिलाफ एक नई राजनीतिक बहस का विषय बन गया है। अब यह देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या इस हिंसा के दोषियों को सजा मिलती है या नहीं।
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